यह पुस्तक उन सभी छात्र-छात्राओं, नौजवानों और व्यवस्कों के लिये लिखी गयी है, जो अपने मस्तिष्क की औसत बुद्धिलब्धि (आई0क्यू0) से उच्च स्तर तक मस्तिष्क की बुद्धिलब्धि (आई0क्यू0) तथा भावनात्मक बुद्धिलब्धि (ई0क्यू0) की उत्पादकता को बढ़ाकर अपने जीवन में मनचाहे कार्यक्षेत्र में मनचाही सफलता प्राप्त कर सकते है, इसी पर आधारित इस किताब के माध्यम से प्रत्येक औसत या औसत से ऊपर के व्यक्ति अपने जीवन में मनचाही सफलता प्राप्त कर सकते है, के लिये नियम या तकनीक इस पुस्तक में लिखे गये है। यह पुस्तक पढ़ने के बाद समस्त छात्र-छात्रायें, नौजवान और व्यवस्क अपनी मानसिकता में बदलाव लाने के बाद विकास की मानसिकता के माध्यम से अपनी उत्पादकता को अपने मनचाहें कार्य क्षेत्र के अनुसार बनाकर मनचाही सफलता तय समय में प्राप्त कर सकते है। इस पुस्तक में दिये गये नियम व सिद्धांत को मैने अपने दैनिक जीवन में उपयोग में लाकर ही, उन प्रमाणित और प्रायोगिक नियमों और सिद्धांतों के आधार पर लिखी गयी है, जिससे सभी छात्र-छात्रायें, नौजवान तथा व्यवस्क व्यक्ति बार-बार इस किताब में दिए गए नियम व सिंद्धांतो का उपयोग अपने दैनिक जीवन में करके इस मानव रूपी सर्वश्रेष्ठ जीवन में यदि स्वयं सर्वश्रेष्ठ जीवन शैली का चयन करते है, तो ‘‘आपकी सफलता की कुंजी, आपकी विकास की मानसिकता’’ ही है। आप जैसे है, वैसे रहकर तो आप जहां है, वही जीवन जी सकते है। दुनिया में परिवर्तन ही एकमात्र तरीका है, जीवन में सर्वश्रेष्ठ पाने का और जो आज है, वो पर्याप्त नही है। इसलिए मानसिकता को बदलने के लिए सदा तैयार रहकर ही विकास की मानसिकता को अपनाकर और विकसित कर ही आप सर्वश्रेष्ठ जीवन शैली प्राप्त कर अपने मनुष्य जीवन की सार्थकता को सिद्ध कर सकते है। यही संदेश आपको ‘‘ आपकी सफलता की कुंजी, विकास की मानसिकता’’ किताब देती है।