यह पुस्तक प्रेम की ज्योति जला कर अपने गजलों के माध्यम से दिव्य प्रकाश उत्पन्न करता है l लेखक ने शब्दों का ऐसा आकाश बुना है जिसमें सूर्य, चंद्रमा एवं तारे भ्रमण करते रहते हैंl शब्द विचार सृजन एवं विचार श्रृंखला निर्माण का माध्यम हैं l एक विचार अनेक विचारों को उत्पन्न कर सकता है l उसी प्रकार इस पुस्तक का प्रत्येक गज़ल एक विचार है जो अपने आंखों को ब्रह्माण्ड की ओर टिका कर एक नये ब्रह्मांड की खोज करना चाहता है l यह पुस्तक गजलों के माध्यम से शब्दों के ब्रह्माण्ड की रचना करता है l हमारे अंतर्मन में हमेशा कुछ न कुछ सृजन क्रियाशील रहता है और हम अपने अंदर के सर्वश्रेष्ठ को प्रज्वलित कर ही उस क्रियाशीलता की तीव्रता को बढ़ा सकते हैं और कुछ नया रच सकते हैं l हमारे गज़लों ने भी यही काम किया है l हमारे गज़लों ने अपने सृजनात्मक ऊर्जा के माध्यम से अंधकार में एक दिव्य ज्योति को उत्पन्न करने का प्रयास किया है l अगर पाठकों को यह ग़ज़ल अच्छा लगेगा तो हम गज़लों की नयी श्रृंखला तैयार करने का प्रयास करेंगे l